Agar Ahde Wafa Ke Baad lyrics
आये क्या क्या याद नज़र
जब पड़ती उन दलानो पर
उसका कागज़ चिपका देना
कर के रोशन दानों पर,
आज भी जैसे सहने पर
तुम हाथ मेरे रख देती हो
चलते चलते रुक जाता हूँ
साड़ी की दुकानों पर,
Agar Ahde Wafa Ke Baad sad song
अगर अहदे वफ़ा के बाद भी कोई मुकड़ जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद भी कोई मुकड़ जाये
मोहब्बत को ये लाजिम है
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये,
अगर अहदे वफ़ा के बाद भी कोई मुकड़ जाये,
मोहब्बत को ये लाजिम है
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद,
गमे हस्ती की रहूँ से गुज़र जाते तो अच्छा था
बिछड़ जाने से पहले काश मर जाता अच्छा था
मेरे खवाबो वीराने मेरे रातों के सन्नाटे
तेरी जुल्फों के सड़के मैं सबर जाता तो अच्छा था
मुझे दिल टूटने का गम नहीं होगा ख़ुशी होगी
मुझे दिल टूटने का गम नहीं होगा ख़ुशी होगी
ख़ुशी होगी,
अगर ये टूट कर तेरे ही क़दमों में बिखड़ जाये
अगर ये टूट कर तेरे ही क़दमों में बिखड़ जाये,
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद भी कोई मुकड़ जाये
यहाँ जो संग पारी का मज़ा है वो कहाँ होगा,
रात गए तक ढाई नग्मे करते हैं ऐलान यहाँ,
ये दुनिया हैं संग दिलों की कोई नहीं इंसान यहाँ,
भिक में भी मांगों तो कोई प्यार न डेल झोली में,
बिन मांगे मिल जाती है रूश्वाई के सामान यहाँ,
यहाँ जो संग पारी का मज़ा है वो कहाँ होगा
यहाँ जो संग पारी का मज़ा है वो कहाँ होगा
कहाँ होगा,
निकल कर तेरे दिल से ये
ये दीवाना किधर जाये
निकल कर तेरे दिल से ये
ये दीवाना किधर जाये,
मोहब्बत को ये लाजिम है
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद,
गोशाये जिन्दाओं में
गोशाये जिन्दाओं में बिखरे वालो पर देखेगा कौन
सहर वीरान हो चूका है तो मेरा घर देखेगा कौन
लूट चुके हैं आरज़ू में घर घर देखेगा कौन
जब दुआ पर ही असर ठहरी असर देखेगा कौन,
के मेरा भी जाये तर दिल की जानिब क्यों नहीं मुड़ता
के मेरा भी जाये तर दिल की जानिब क्यों नहीं मुड़ता
मुनासिब है ये दरिया भी समुन्दर में उतार जाये
मुनासिब है ये दरिया भी समुन्दर में उतार जाये
मोहब्बत को ये लाजिम है
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद,
हस्ती वला है तुसा सा यार मेरी गलती क्या
हाथ तोड़ दी मुख मोड़ दी मेरी की है भलाई गलती क्या
हिमों हस्ती तारा तुसा समझ था सारा
ता सज मेरी गलती क्या
खुर्शीद चैन होई आखरी मनो जरा पला जुदाई मेरी गलती क्या,
हमें उसकी मोहब्बत का हुआ कुछ तजरुबा ऐसा
हमें उसकी मोहब्बत का हुआ कुछ तजरुबा ऐसा
तजरुबा ऐसा
की अब अपनी वफ़ा उसकी इनायत से भी डर जाये
की अब अपनी वफ़ा उसकी इनायत से भी डर जाये,
मोहब्बत को ये लाजिम है
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद,
कुछ तो तन्हाई के रातों में सहारा होता
तुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता
वो अगर आ न सके मौत आयी होती
हिज्र में कोई तो गमकार हमारा होता,
तभी लैब के बहुत रुशवा हुआ ए जाना
तभी लैब के बहुत रुशवा हुआ ए जाना
ए जाना
इजाजत देक ये पागल पलट कर अपने घर जाये
इजाजत देक ये पागल पलट कर अपने घर जाये,
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मोहब्बत को ये लाजिम है
मोहब्बत को ये लाजिम है
के वो कुछ खा के मर जाये,
अगर अहदे वफ़ा के बाद भी कोई मुकड़ जाये
अगर अहदे वफ़ा के बाद भी कोई मुकड़ जाये!!!!!
Agar Ahde Wafa Ke Baad Attaullah Khan Song
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